इस सरकारी अस्पताल ने किया रिकार्ड बोन मैरो ट्रांसप्लांट
सेहतराग टीम
इंदौर के महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) का नाम अस्थि मज्जा यानी बोन मैरो ट्रांसप्लांट के मामले में मध्यप्रदेश के सरकारी क्षेत्र के मेडिकल इतिहास में दर्ज हो गया है। दरअसल इस सरकारी अस्पताल में पिछले एक साल के दौरान रिकॉर्ड 13 मरीजों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया गया है। एमवायएच, शहर के सरकारी महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय से जुड़ा है।
महाविद्यालय की डीन ज्योति बिंदल ने बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को बताया कि एमवायएच में साल भर में जिन 13 मरीजों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट हुआ है, उनमें 10 बच्चे और तीन वयस्क शामिल हैं। बिंदल ने कहा, ‘बोन मैरो ट्रांसप्लांट के बाद सभी मरीज और उन्हें बोन मैरो दान करने वाले लोग स्वस्थ हैं।’
उन्होंने बताया कि एमवायएच की ‘बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट’ सूबे के सरकारी अस्पतालों में अपनी तरह की पहली इकाई है। इसे भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर प्रकाश सतवानी के मार्गदर्शन में तैयार किया गया है। इस इकाई से जुड़े एमवायएच के दो डॉक्टरों ने अमेरिका में बोन बैरो ट्रांसप्लांट का छह महीने का प्रशिक्षण भी लिया है।
सिकल सेल एनीमिया, थैलीसीमिया, रक्त कैंसर आदि बीमारियों से जूझ रहे मरीजों का इलाज बोन मैरा ट्रांसप्लांट ही है। इसके लिए जटिल ऑपरेशन की दरकार होती है और निजी क्षेत्र के अस्पतालों में इस सर्जरी के लिए मरीजों से लाखों रुपये की फीस ली जाती है। इसके मुकाबले सरकारी अस्पताल में ये सर्जरी अपेक्षाकृत बेहद कम खर्च में हो जाती है।
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